रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी ने एक प्रेस नोट जारी किया हरियाणा प्रदेश में हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग 3200 सिक्योरिटी गार्डों को तत्काल प्रभाव से उनके कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। और सरकार से मांग की है। कि वे उनकी कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को बढ़ाकर नौकरी को पुन: बहाल करें जिससे उनके परिवार को जो आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उससे मुक्ति मिले। इस संबंध में राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी के चीफ नेशनल कन्वीनर डॉ. आनंद वर्धन शर्मा ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल के द्वारा एक पत्र लिखा है । और जल्द ही इन स्वास्थ्य कर्मियों को सिक्योरिटी गार्ड को पुनः बहाल करने की मांग की है। प्रदेश के अन्य भागों से भी राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी को इस संबंध में अनेक शिकायतें प्राप्त हुई। और कल ही स्वास्थ्य विभाग सुरक्षा कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं ने भी राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी से अपील की गुजारिश की वे प्रदेश सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेने के लिए बाध्य करें । क्योंकि प्रदेश की जनता के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है । जोकि राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी हरियाणा प्रदेश के तत्वधान में केंद्र और राज्य सरकारों की लाभकारी रोजगार योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु। राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी ने जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए एक अभियान शुरू किया हुआ है। जिसकी अगुवाई स्वय सुप्रीम कोर्ट पूर्व जज आनंद वर्धन कर रहे हैं। जिनकी अगुवाई में राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । और क्षेत्र के युवाओं को उनके योग्य रोजगार दिलवाने में उनकी मदद कर रहे हैं । सरकारी योजनाओं का लाभ प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा सोशल मीडिया व ऑनलाइन के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने में एक नई पहल है । राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आनंद वर्धन पूर्व जज & चीफ नेशनल कन्वीनर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा और विश्वास दिलवाया की राष्ट्रीय मानव अधिकारी कमेटी जिला यमुनानगर,अंबाला, कुरुक्षेत्र व करनाल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ता भी इस अभियान में शामिल होंगे और युवाओं को यथा योग्य व उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहेंगे क्योंकि आज का युवा ही देश का भविष्य है। उनका देश के योगदान में बड़ी भागीदारी है। तथा उनके योग्य रोजगार के साधन उपलब्ध करवा कर प्रशासन का सहयोग लेकर प्रयासरत रहेंगे। इस संबंध में प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज को भी राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी ने सज्ञान लेने की अपील की है । राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी के चीफ नेशनल कन्वीनर पूर्व जज डा. आनंद वर्धन जी के प्रयासों से राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी ने एक अभियान शुरू किया हुआ है। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी ने जनता को विश्वास दिलवाया कि अगर उन्हें राज्य या केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं में शासन प्रशासन का सहयोग नहीं प्राप्त हो रहा है या उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तो वह राष्ट्रीय मानवाधिकार के कमेटी के कार्यकर्ता अधिकारियों से संपर्क करें । राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी की पूरी टीम उनके साथ खड़ी है। हर संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। अगर प्रशासन की तरफ से किसी भी व्यक्ति को उसके मौलिक अधिकारों ,स्वतंत्रता के अधिकारों, उसके मूल अधिकारों से वंचित रखा गया एक तो राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी उस अधिकारी या प्रशासन के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करेगी। राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी इस बात पर जोर देती है। कि लोगों को अपने अधिकारों और अपनी शक्ति को पहचानने का प्रयास करना चाहिए। इस मौके पर राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी के यमुनानगर के डिस्ट्रिक्ट जनरल सेक्रेटरी अजय कुमार और अंबाला के सेक्रेटरी संजू कुमार और ज्वाइंट सेक्रेट्री अश्विनी कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी हर समय उन लोगों के साथ खड़ी है। जिन लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। या जिन लोगों को अपने मूल अधिकारों और अपने मूल कर्तव्यों के बारे में नहीं पता राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी इस बात पर जोर देती है कि इस भारत देश में सभी को अपनी बात रखने का हक है लोगों को अपने हकों के बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने संघर्षरत कर्मचारी यूनियन को भरोसा दिलवाया कि यदि आवश्यकता हुई तो राष्ट्रीय मानव अधिकार पार्टी इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में एक रिट पिटिशन भी दायर करेगी।
जिला यमुना नगर के डिस्ट्रिक्ट ज्वाइंट सेक्रेट्री डा. वाजिद व गुरदीप ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस बात की ख़ूब प्रसांशा की ।