रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
विभाग में वर्षों से रिक्त पड़े हुए पदों पर नियुक्ति,उप केंद्रों पर वर्ष 2005_06 में जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सृजित 536 फार्मासिस्टों के पदों यथावत रखने एवं अवशेष 1368 उपकेंद्रों पर जहां फार्मासिस्ट के पदों का सृजन नहीं हुआ है, पद सृजित कर नियुक्ति प्रक्रिया के विषय में वार्ता की गई।
महानिदेशक महोदय द्वारा बताया गया कि वर्तमान में फार्मेसिस्ट संवर्ग में एक भी पद पर भर्ती प्रक्रिया संभव नहीं है क्योंकि राज्य में आईपीएचएस मानकों के तहत उप केंद्रों से फार्मेसिस्ट के पद खत्म कर दिए गए हैं और उन पदों नियुक्त फार्मेसिस्ट को चिकित्सालय में रिक्त हुए पदों पर समायोजित किया जाना है। उनके द्वारा यह भी बताया गया की मानकों के कारण फार्मेसिस्ट के पदों की संख्या भी पूर्व से भी कम हो गई है जिस कारण भी विभाग में वर्तमान परिपेक्ष में फार्मासिस्ट के किसी पद पर नई नियुक्ति करना संभव नहीं है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री महादेव गौड़ द्वारा बताया गया कि विभाग अथवा शासन के इस निर्णय से 20 वर्षों से रोजगार की आस लगाए हजारों फार्मेसिस्ट को आघात पहुंचा है और सरकार अथवा विभाग की इस नीति का पुरजोर विरोध करते हैं। स्वास्थ्य विषय राज्य सूची का विषय है और राज्यों को अधिकार होता है कि अपने यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं स्थितियों को देखते हुए जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने हेतु उसमें परिवर्तन कर सकती है, परंतु विभाग अथवा सरकार द्वारा केन्द्र की नीति को यहां लागू कर जनस्वास्थ एवं बेरोजगारों के भविष्य के साथ घोर अन्याय किया गया है।
फार्मासिस्ट विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी है। दवा वितरण से लेकर प्राथमिक उपचार देने में वह पारंगत होता है। आज दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां डाक्टर जानें से आज भी कतराते है, वहां पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, बावजूद इसके इस महत्वपूर्ण पद की अनदेखी की जा रही है।
महासंघ द्वारा इस सम्बंध में अतिशीघ्र माननीय स्वास्थ्य मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया जायेगा और सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने पर महाआंदोलन के किए विवश होना पड़ेगा।
प्रतिनिधि मण्डल में शैलेंद्र नौटियाल,संजीव बलूनी, अनिल सोनियाल, इंद्रमोहन नौटियाल, अनक पाल, विजय फर्सवान आदि उपस्थित रहे।