(रिपोर्ट:- ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की) सहारनपुर।स्पोर्ट्स वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार जावेद साबरी ने कहा कि अहमदाबाद में हुए वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा का अच्छा प्रदर्शन किया,परंतु भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा खिताबी मुकाबले में देश को पहला विश्वकप दिलाने वाले महानतम क्रिकेटर कपिल देव को न बुलाना निंदनीय है।उन्होंने कहा कि खिताबी मुकाबले में महानतम क्रिकेटर कपिल देव समेत पूरी टीम को बुलाना चाहिए था।स्पोर्टस वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जावेद साबरी ने जारी एक बयान में कहा कि विश्व कप में भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने अपनी बेहतर खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपनी काबलियत को साबित किया है।गत दिवस अहमदाबाद में खेले गए फाइनल मैच में भी खिलाड़ियों द्वारा अंतिम क्षण तक भारत को विजयश्री दिलाने का भरसक प्रयास किया गया।उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को फाइनल मैच में देश को पहला विश्वकप दिलाने वाले महानतम क्रिकेटर कपिल देव समेत उनकी टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों को बुलाना चाहिए था,ताकि उनकी मौजूदगी से एक ओर जहां भारतीय टीम के खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती तो,वहीं अपनी खेल प्रतिभा का और अधिक अच्छा प्रदर्शन कर सकते।उन्होंने कहा कि बीसीसीआई द्वारा देश के महानतम क्रिकेटरों को नहीं बुलाना देशहित में नहीं है।महानतम क्रिकेटर कपिल देव के नेतृत्व वाली भारतीय क्रिकेट टीम को ऐसी परिस्थितियो में वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल है,जब उनके पास समुचित संसाधन व सुविधाएं नही थी,जबकि आज भारतीय क्रिकेट टीम को तमाम संसाधन व सुविधाएं मिली हुई हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा स्वयं को अहमदाबाद में वर्ल्ड कप के फाइनल मैच का न्यौता न देने के बारे महानतम क्रिकेटर कपिल देव ने बड़ी शालीनता के साथ अपना जवाब दिया है,जिससे उनका कद और बढ़ गया है।उन्होंने कहा कि मुझे नहीं बुलाया गया,मैं नहीं गया।मैं चाहता था कि 1983 विश्व कप जीतने वाली पूरी टीम को बुलाते तो और भी बेहतर होता,लेकिन इतना काम चल रहा है।इतने लोग हैं और जिम्मेदारी है,कभी-कभी लोग भूल जाते हैं।जावेद साबरी ने कहा कि बीसीसीआई को इस प्रकरण से सीख लेते हुए भविष्य में होने वाले क्रिकेट मैचों में देश की प्रतिष्ठा के लिए खेलने वाले महानतम क्रिकेटर कपिल देव जैसे क्रिकेटरों को न्यौता देना चाहिए,ताकि भारतीय टीम के खिलाड़ी उनसे प्रेरणा ले सकें और विजेता ट्राफी देश को समर्पित कर सके।