रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
खानपुर/ उत्तराखंड विधानसभा की खानपुर सीट वरिष्ठ पत्रकार उमेश शर्मा की सक्रियता के चलते पहले ही काफी चर्चित हो चुकी है । अब कांग्रेस द्वारा सुभाष चौधरी को मैदान में उतारने से चुनाव में कौतूहल पैदा हो गया है।
क्योंकि खानपुर सीट से चार बार के विधायक रह चुके प्रणव सिंह ने जहां हवा का रुख पहले ही भापकर अपनी पत्नी रानी देवयानी सिंह को मैदान में उतारकर एक सधे राजनीतिक का परिचय देकर विरासत को बचाने का प्रयास किया है ।
वही लगातार कई चुनाव लड़ चुके रविंद्र सिंह पनियाला इस बार अपने हक की लड़ाई के लिए चुनावी मैदान में है ।
सबसे आखरी में कांग्रेस ने सुभाष चौधरी पर दांव खेला है किंतु सुभाष चौधरी के मैदान में उतरने से राजनीति के जानकारों की माने तो तुरुप का पत्ता उमेश शर्मा के हाथ लगा है। जबकि अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव के मैदान में अन्य प्रत्याशी भी अपना जौहर दिखाएंगे।
किंतु यह सच है कि मुकाबला तो भाजपा बसपा कॉन्ग्रेस के उम्मीदवारों और निर्दलीय उमेश कुमार शर्मा इन चारों के बीच में ही है क्योंकि उमेश शर्मा चुनावी रणभेरी बजने से काफी पहले ही मैदान में काफी सक्रिय हो चुके थे
जिसके चलते प्रदेश भर में खानपुर सीट हॉट सीट बन गई और सब यही मानकर चल रहे थे कि उमेश शर्मा प्रणव सिंह के सामने चुनाव लड़ने के लिए ही खानपुर आए हैं ।
साथ ही यह भी मानते थे की रविंद्र सिंह पनियाला भी चुनाव जरूर लड़ेंगे तो इससे स्पष्ट था की चुनाव त्रिकोणीय होगा ।किंतु कांग्रेस ने ऐन वक्त पर सुभाष चौधरी को मैदान में उतारकर रानी देवयानी सिंह और रविंद्र सिंह पनियाला दोनों का गणित गड़बड़ा दिया है ।
इसी का लाभ उमेश शर्मा को मिलने की भारी संभावनाएं बढ़ गई हैं ।इसीलिए राजनीति के जानकार मानते हैं कि चुनाव के इस खेल में खानपुर सीट पर तुरुप का पत्ता अब उमेश शर्मा के हाथ आ गया है अभी खेल शुरू हुआ है अब देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है