(रिपोर्ट:- ब्रह्मानंद चौधरी) रुड़की। महिला सत्संग भवन मे चल रही श्री मद्भागवत कथा के पांचवे दिन व्यास श्री चैतन्य ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुन्दर वर्णन किया उन्होंने बताया कि कैसे नौ दिन के कृष्ण ने पूतना का वध कर उसे भी मां का दर्जा देकर मोक्ष प्रदान किया ।15 दिन बाद ही राधे रानी का जन्म हुआ। राधा जी को बरसाने वाली दो कारण से कहा गया ।एक तो उनका गावं बरसाना है।दूसरा राधा रानी हम सब पर श्रीकृष्ण का प्रेम अमृत बरसाती रहती हैं। पितृदोष का निवारण पितृ पक्ष मे श्रीकृष्ण कथा अमृत पान करने से ही हो जाता है।रुक्मणी विवाह समारोह आयोजित हुआ। गोवर्धन पर्वत पूजा के पश्चात छप्पन भोग लगाकर आरती की ।आचार्य आशीष,पुजारी श्री केशव प्रसाद, मदन,राकेश वर्मा, चन्द्र प्रकाश बाटा एडवोकेट नवीन जैन, संदीप,नवीन, शेफाली, भावना,,विनोद,नीता ,सरिता,शैलबाला,कमलेश,मंजू,अर्चना,,देवकी,सुमन सहित कई भक्त उपस्थित हुए। पूनम गर्ग ने व्यास जी और सभी भक्तों को बधाई दी ,और धन्यवाद किया ।