रिपोर्ट चंदन कुमार शर्मा रुड़की
आज समर्पण संस्था के साथ वैध महेश चंद शर्मा ने अपनी चार पीढ़ियों के साथ पौधारोपण कर अपना 90वां जन्मदिन बनाया।इस अवसर पर वैध महेश चंद शर्मा ने बताया समर्पण संस्था पिछले बहुत से वर्षों से रक्तदान, पौधारोपण एवं समाज सेवा के कार्य में लगी हुई है और मैं संस्था को साधुवाद देता हूं कि उन्होंने पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन मेरे द्वारा कराया।
वैध महेश चंद्र शर्मा के पुत्र सेवानिवृत्त उपडाकपाल बद्रीश शर्मा ने बताया की हमें गर्व है कि हमारे पिताजी सदा ही आयुर्वेद को समर्पित रहे। लगभग 35 वर्ष की सेवा राज्य सरकार के आयुर्वेद विभाग को देने के पश्चात वह पिछले लगभग 20 वर्षों से अपनी निःशुल्क सेवा शांतिकुंज परिवार के जड़ी बूटी विभाग में दे रहे हैं। उन्होंने मुझे और मेरे अनुज इंजीनियर रजनीश शर्मा को सदा ही समाज के हित में कार्य करने की शिक्षा प्रदान की। उनके पौत्र निशांत भारद्वाज और मीडिया प्रभारी सुमित भारद्वाज ने बताया कि हमारे बाबाजी आयुर्वेद की सेवा में सदा समर्पित रहे हैं और उन्होंने लगभग 30 वर्षों तक निजी तौर पर च्वयनप्राश बनाकर उसका वितरण किया और इस कार्य में हम दोनों के अतिरिक्त हमारा अनुज वरुण भी अपना पूरा सहयोग देता रहा है। उन्हें शांतिकुंज परिवार का जड़ीबूटी विभाग अपने परिवार जैसा ही लगता हैं और वहाँ सभी उन्हें बाबूजी कहकर संबोधित करते हैं। इस अवसर पर उनके प्रपौत्र अनिकेत भारद्वाज, मानस भारद्वाज, प्रज्ञान भारद्वाज और कार्तिक भारद्वाज ने भी उनके साथ पौधारोपण किया और वृक्षों के संरक्षण की प्रतिज्ञा ली। इसी अवसर पर संस्था के महामंत्री प्रदीप गोयल एवं संदीप गोयल के पिता जे पी गोयल ने भी अपने 81वें जन्मदिन के अवसर पर पौधारोपण किया और अपने परिवार और समर्पण परिवार के साथ पौधारोपण किया। उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लगता है कि उनका पूरा परिवार समर्पण संस्था के साथ जुड़ा हुआ है और संस्था निरंतर समाज सेवा में लगी हुई है। उन्होंने चिकित्सा विभाग में रहते हुए सदा मानव सेवा को प्रधान माना और यही संस्कार अपने बच्चों को दिए हैं। इस अवसर पर बद्रीश कुमार शर्मा, संदीप गोयल, नरेश यादव, रचना गोयल, अंजू गोयल, श्रवण सैनी, संजीव सैनी, निशांत भारद्वाज, अनिकेत भारद्वाज, अरुण कोहली, अनूप बंसल, सुरेंद्र नाथ, मास्टर मानस भारद्वाज, मास्टर प्रज्ञान भारद्वाज, मास्टर कार्तिक भारद्वाज एवं सुमित भारद्वाज आदि ने भी पौधारोपण किया।