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लंढौरा चमन लाल महाविद्यालय के एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में कोविड-19 के खतरों और इलाज के लिए बायोटेक्नोलॉजी भूमिका पर विचार व्यक्त किया, मुख्य वक्ता प्रोफेसर पाणिग्रही

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रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की

लंढौरा। चमन लाल महाविद्यालय के जंतु विज्ञान और माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में वक्ताओं ने कोविड-19 के खतरों और इसके इलाज के क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका पर विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर पाणिग्रही ने कोरोनावायरस के फैलने के माध्यमों रोकने के उपाय और वैक्सीन की महत्ता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहां की कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए और इसकी मां रखता को कम करने के लिए हमें सभी संभव उपाय अपनाने होंगे जिनमें सामाजिक दूरी मास का प्रयोग सैनिटाइजर का प्रयोग और बार-बार साबुन से हाथ धोने जैसे उपाय शामिल हैं। साथ ही हम सबको अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए। सेमिनार में विशिष्ट वक्ता डॉ मनीष शर्मा ने बायोटेक्नोलॉजी के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी की तकनीकों से उपस्थित श्रोताओं, शोधार्थियों को अवगत कराया। विशिष्ट वक्ता डॉ सिद्दीकी ने बताया कि कोरोना वायरस निरंतर अपना रूप बदल रहा है, जिससे यह है एक गंभीर खतरे के रूप में मानव सभ्यता के सामने चुनौती बनकर खड़ा हुआ है। ऐसे में बायोटेक्नोलॉजी निरंतर इससे बचाव के लिए वैक्सीन निर्माण में संलग्न है जिससे इस खतरे को समाप्त किया जा सके। विशिष्ट वक्ता डॉ अंकिता सिंह ने कहा कि कोविड-19 ने लोगों के बीच एक डर पैदा कर दिया है। यह वायरस म्युटेंट हो रहा है हो रहा है जिस कारण इसका पता लगाना कठिन है। इससे बचाव के लिए वैक्सीन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शोध कार्य हो रहा है और कई वैक्सीन बनकर तैयार भी हो चुके हैं। वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा की हमें वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग और साबुन से बार-बार हाथ धोने जैसे बचाव के उपायों को अपनाना जरूरी है। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ सुशील उपाध्याय ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन बहुत कम समय में डिवेलप की गई जिसके लिए इस क्षेत्र से जुड़े लोग बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के निर्माण के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। हमारा सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस अवसर पर शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए । पोस्टर प्रेजेंटेशन में कुमारी विजेता ने प्रथम व सोनिया चौधरी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया । सेमिनार का संयोजन डॉ दीपिका सैनी ने किया। आयोजन सचिव डॉ प्रभात कुमार रहे। मंच संचालन डॉ नवीन कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ धर्मेंद्र कुमार डॉ कुलदीप कुमार डॉ सूर्यकांत शर्मा डॉ हिमांशु कुमार डॉ मीरा चौरसिया व डॉ किरण शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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