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डिजिटल युग में कम्प्यूटर सीखना अत्यंत महत्वपूर्ण,लेकिन साथ ही साथ व्यक्तित्व व बौद्धिक विकास भी अत्यंत आवश्यक है,डॉ मौ उस्मान

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(संवाददाता :-ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की) रुड़की। कम्प्यूटर सीखने से व्यक्ति न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि कर सकता है परन्तु आधुनिक युग में कम्प्यूटर के साथ साथ बौद्धिक विकास व व्यक्तित्व विकास का होना भी आवश्यक है। ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर स्टडीज केवल व्यक्ति को कम्प्यूटर शिक्षा ही नहीं अपितु व्यक्तित्व विकास व बौद्धिक विकास को लेकर ही समाज व आसपास के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। क्योंकि ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर स्टडीज द्वारा छात्र छात्राओं को न सिर्फ कम्प्यूटर शिक्षा बल्कि साथ ही साथ व्यक्तित्व विकास व बौद्धिक विकास , मोटिवेशनल क्लासेज से सम्बंधित कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन किया जाता रहा है।

हाल ही में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर स्टडीज द्वारा एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित कराई गई थी। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त छात्र छात्राओं को आज ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर स्टडीज के चैयरमेन डॉ.मौ उस्मान द्वारा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रहनुमा मलिक, द्वितीय स्थान नईमा प्रवीन, तृतीय स्थान अंजली वर्मा व राकिब ने प्राप्त किया।

इस अवसर पर चैयरमेन डॉ. मौ उस्मान द्वारा बताया गया कि वर्तमान में संस्थान पर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा के साथ साथ आधुनिक तकनीक से सम्बंधित क्लासेज व मोटिवेशनल क्लासेज का आयोजन समय समय पर किया जा रहा है। ताकि विद्यार्थियों में बौद्धिक विकास व व्यक्तित्व विकास हो सके। क्योंकि तकनीक क्षेत्र में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है जिससे कम्प्यूटर के क्षेत्र में ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आज ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर स्टडीज इन्हीं कारणों से विद्यार्थियों की पहली पसंद बन गया है। डॉ मौ उस्मान द्वारा प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं दी और सभी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिताओं में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।

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