ग्राम पंचायत अकबरपुर ढाढेकी ब्लाक नारसन में शासन द्वारा साफ सफाई हेतु एक ई रिक्शा दिया गया था परंतु आज तक गांव की साफ सफाई के लिए इस ई-रिक्शे को इस्तेमाल ही नहीं किया गया है साफ सफाई की जगह पर पूर्व प्रधान लगातार इसमें अपने पशुओं के लिए चारा ढोने का काम कर रहा है। पूर्व प्रधान का कार्यकाल समाप्त हो गया है और ग्राम में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं लेकिन किसी भी प्रशासक या जनप्रतिनिधि या प्रशासन के द्वारा इसकी सुध नहीं ली गई है। और ना ही बरसात को ध्यान में रखते हुए नाले की साफ सफाई की गई हैं। जिस कारण हल्की सी बारिश होने पर भी गांव की सडके तालाब में तब्दील हो जाती हैं ना तो पूर्व प्रधान द्वारा और ना ही नियुक्त प्रशासक द्वारा पानी की निकासी को लेकर कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है जिस कारण लोगों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्या नियुक्त प्रशासक की यह जिम्मेदारी नहीं है कि बरसात के मौसम को देखते हुए नालो और तालाबों की सफाई की जाए और पानी की निकासी के लिए पुख्ता इंतजाम किया जाए। कई जगहों पर नाला टूटा पड़ा है, सड़कें टूटी हुई है, गांव में जगह जगह जलभराव की समस्या है। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है जिस कारण ग्रामीणों में काफी रोष है। कुछ ग्रामवासी गांव की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण कमेटी के जनरल सेक्रेटरी डॉ मौ उस्मान के पास पहुंचे और इन समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण कमेटी के जनरल सेक्रेटरी द्वारा लोगों को यह आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इन समस्याओं के समाधान के लिए बीडीओ नारसन, एसडीएम रुड़की व जिला अधिकारी हरिद्वार को अवगत कराकर समस्याओं का समाधान कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर जान आलम, मौ शमून, अफजाल अहमद, मौ नदीम, मौ जावेद, अकरम अली, मौ सलमान आदि उपस्थित रहे।