रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
ह्यूमन इफैक्टिव रिलीफ एडवांस ट्रस्ट ने चोल्ली शहाबुद्दीनपुर, ढ़िलमजरा, आदि गाँव में गरीब, मज़दूर वर्ग, बेसहारा परिवारों विधवा महिलाओं को ट्रस्ट के फ़ाउन्डर मुहम्मद अब्बास साबरी की अध्यक्षता मे ईद किट वितरित कार्यक्रम आयोजित किया गया। ट्रस्ट के फ़ाउन्डर मुहम्मद अब्बास साबरी ने कहा कि ह्यूमन इफैक्टिव रिलीफ एडवांस ट्रस्ट पिछले कई सालो से लगातार हर त्योहार पर त्योहार के लिए गरीब असहाय विक्लांग मज़दूर वर्ग परिवारो और विधवा महिलाओ मे खुशीयां बांटता आया है और जब तक हम ज़िन्दा है तब तक हमेशा खुशीयां(सहयोग) बाँटते रहेगे यही हमारी ज़िन्दगी का मक़सद बन गया है और फ़ाउन्डर ने कहा कि रमज़ान शरीफ का महीना सबको यही सिखाता है कि भूखा प्यासा रखना रमज़ान का पैग़ाम नही है बल्की भूखे,प्यासे, लोगो की भूख प्यास का अहसास करके उनकी मदद करना ही रमज़ान शरीफ का अस्ल पैग़ाम है और हम सब इस महीने मे ज़कात भी निकालते है ज़कात का सिर्फ एक ही मक़सद होता है गरीबो की गुरबत दुर करना ना कि मुल्लाओ की कोठीया और प्लाट बनवाने के लिए जैसा कि अकसर देखा जाता है मदरसो के नाम पर मुल्लाओ ने ज़कात को इकठ्ठा कर करके अपनी तिजोरीया भर रहे जिस से गरीब और गरीब हो रहा है और मुल्ला मालदार पर मालदार हो रहा है इसका हम सब ख्याल करते हुए अपने आसपास देखे कि कोई ग़रीब मजबुर परेशान हाल तो नही हैं तो सबसे पहले अपने आस पास ही दे जैसी जिसकी जरूरत हो। अगर किसी भाई को राशन की जरूरत हो तो उसे राशन दिजीए किसी और को दवाई की या कपड़ो की या शिक्षा की जरूरत है तो उनकी वोह जरूरत पुरी करके उसकी गुरबत मिटाकर उसको खुशहाल ज़िन्दगी देना ही ज़कात का अस्ल मक़सद और पैग़ाम है यानी अपने गली मोहल्लो गांव शहर को बगैर किसी भेदभाव के गरीबी मुक्त बनाना ही ज़कात अदा करना कहलाता है आईये हम सब मिलकर इस साल यह अहद करे कि हम सब मिलकर अपनी ज़कात से अपने आसपास का वातावरण गरीबी मुक्त बनायेंगे। ईद किट मे कपड़े,जुते,बादाम,छुहारे, नारियल, किसमीस,चावल,दाल, आटा,चाय पत्ती,चीनी,नमक, रिफाइंड,साबुन, डिटर्जेंट पावडर, आलू,प्याज, आदि रखा गया
आज ईद किट वितरित कार्यक्रम मे नदीम,मोहसिन,साकिब,अन्जुम फातिमा, मोनिस आदि उपस्थित हुए