रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
देहरादून। प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ का धरना 22वें दिन भी जारी रहा। गौरतलब है प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मास्टि महासंघ अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर 19 अगस्त,2021 से धरने पर है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक उनकी 14 सूत्री मांगों को लेकर कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। महासंघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को लेकर शासनादेश जारी नहीं होता तब तक वे धरने पर बैठे रहेगें।
महासंघ के अध्यक्ष महादेव गौड़ कहते है कि अभी तक सरकार के किसी जिम्मेदार द्वारा धरनास्थल पर आकर बेरोजगारों फार्मासिस्टों की कोई सुध नहीं ली गई है, यह सरकार में बैठे जिम्मेदारों की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
बीते 30 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री की ओर से बुलाई गई संयुक्त वार्ता में आईपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करने के सम्बन्घ में प्रस्ताव को केबिनेट में लाए जानें का निर्देश दिया गया है। इधर फार्मासिस्टों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। महासंघ अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि यदि आगामी 15 सितंबर को प्रस्तावित कैबिनेट में IPHS मानकों में शिथिलता एवम नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव नहीं लाया जाता है तो 21000 हजार प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मासिस्टो को उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा,जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन/प्रशासन की होगी। इस विषय पर आज प्रदेश कार्यकारिणी एवं समस्त 13 जनपद की जिला कार्यकारिणी के सदस्यों के बीच आम सहमति से यह निर्णय लिया गया।
22वें दिन धरने देने वालों में जय प्रकाश, शैलेंद्र,जितेंद्र, रमेश, संजीव,अनिल,अलीशा,रंजन,पामिता,राजेश्वर,रवि,विजय,संदीप,राकेश,विनोद आदि सैकड़ों फार्मेसिस्ट उपस्थित रहे।