रिपोर्ट चंदन कुमार शर्मा रुड़की
जहां रात्री दो बजे उनके शव को देहरादून से पिरान कलियर शरीफ उनके आवास पर लाया गया।78 वर्षीय शाह मंसूर एजाज साबरी चालीस वर्ष पूर्व अपने पिता एजाज साबरी उर्फ जाजी मियां के देहांत के बाद दरगाह पिरान कलियर शरीफ के सज्जादा नशीं बने थे।उनके कोई पुत्र नहीं था,केवल एक पुत्री थी क्योंकि सज्जादा नशीं पुत्र को ही बनाया जाता है,इसलिए उन्होंने अपने भाई छोटे भाई शाह मंजर एजाज साबरी उर्फ सिम्मी मियां के बडे सुपुत्र अपने भतीजे अली शाह साबरी को अपने जीवन काल में ही दरगाह का नायब सज्जादा नशीं के तौर पर अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था क्योंकि वे फालिज की बीमारी से गत दस वर्ष से पीडित थे,इस लिए उनकी दरगाह सम्बंधित सारी जिम्मेदारी नायब सज्जदा ही निभाते थे।आज बाद नमाज असर दरगाह की मस्जिद में अली शाह साबरी की सज्जादा नशीं के तौर पर उनकी दस्तारबंदी की गई।दस्तारबंदी रस्म में गंगोह शरीफ के सज्जादा नशीं शाह महताब आलम कुद्दूसी साबरी उर्फ गुड्डू मियां द्वारा की गई,जो अली शाह साबरी के मा मा भी हैं। इस अवसर पर शाह खालिक अंजार साबरी,राजू फरीदी,यावर साबरी,नदीम गुड्डू साबरी,साजिद साबरी, अरशद फरीदी सहित सज्जदादगां व सुफिगण मौजूद रहे।आज साबरी की निधन की खबर मिलते ही देश-विदेश से फोन के जरिए शोक संदेश उनके परिवार को भेजे गए।शाह मंसूर एजाज साबरी को मगरिब की नमाज के बाद दरगाह के परिसर में दफनाया गया जहां उनके पिता और दादा की कब्र है,क्योंकि दरगाह कोरोना की वजह से बंद है,इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दरगाह में सीमित लोगों को प्रवेश दिया गया।दरगाह उर्स कमेटी के संयोजक व अंतर्राष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया कि देश-विदेश से जिन महान विभूतियों ने अपने संवेदना संदेश भेजे हैं,उनमें पाकिस्तान के पाक पट्टन शरीफ के दीवान अजमत अली, तौसा शरीफ दरगाह पाकिस्तान के सज्जादा नशीन पीर बाबा चिस्ती अल्लाह बख्श,लाहौर खानकाह साबरी के सज्जादा नशीं साहबजादे इकरार उस्मानी साबरी, सरगोधा पाक कलश शरीफ के सज्जादा नशीं पीर शमीम साबरी,ख्वाजा अल्लाह बख्श ऑल इंडिया सुफी सज्जादा नशीं एसोसिएशन के अध्यक्ष व अजमेर शरीफ के दीवान नसीरुद्दीन चिश्ती उर्फ शेरू मियां तथा महासचिव जयपुर के सज्जादा नशीं प्रोफेसर हबीबुर्रहमान नियाजी,बरेली शरीफ के सज्जादा नशीं सैय्यद असलम मियां वामीकि,दरगाह सरवाड़ शरीफ राजस्थान के मुतवल्ली युसूफ खान, दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर के अंजुमन खुद्दामे ख्वाजा के सचिव सैयद वाहिद अंगारा शाह,दरगाह अजमेर शरीफ के राजकीय कमेटी के पूर्व सदस्य इलियास कादरी,हैदराबाद दरगाह के सज्जादा नशीं मुजफ्फर अली शाह, निजामुद्दीन दरगाह के सैयद अहमद निजामी बुखारी,ख्वाजा सैयद निजामी,अफसर निजामी सैयद अनफाल निजामी, अमेठी खानकाह के सुफी हाफीज वकील अहमद के अलावा धर्म-गुरुओं में आचार्य प्रमोद कृष्णम,श्री जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज,सुफी एकता केंद्र मुंबई के संस्थापक सुफी अरविंद गुरु महाराज, अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष पीठाधीश्वर आचार्य पंडित रमेश सेमवाल,भंहसोडी शरीफ के सज्जादा नशीं जावेद मियां लियाकती आदि ने अपने संदेश में शाह मंसूर एजाज साबरी को एक महान सूफी करार देते हुए उनके परिवार को सांत्वना दी।
स्थानीय स्तर पर मेयर रुड़की गौरव गोयल, सहारनपुर सांसद हाजी फजलुर्रहमान,विधायक प्रदीप बत्रा,हाजी फुरकान अहमद,देशराज कर्णवाल,ममता राकेश,काजी निजामुद्दीन, पूर्व विधायक काजी इमरान मसूद,पूर्व राज्य मंत्री पं.मनोहर लाल शर्मा,पूर्व गृह मंत्री राम सिंह सैनी,पूर्व सांसद हरपाल साथी व राजेंद्र बाडी एंव राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने मेयर गौरव गोयल के माध्यम से अपनी संवेदनाएं सज्जादा नशीं परिवार को भेजी है,वहीं पार्षद मोहसिन अल्वी सर्वधर्म त्यौहार समिति के अध्यक्ष/शायर अफजल मंगलौरी,जावेद अख्तर एडवोकेट,हाजी नौशाद अहमद,शेख अहमद जमा,प्रधान बहरोज आलम,अनीस अहमद,हाजी लुकमान कुरैशी,अंजुम गौर,सैयद नफीस उल हसन,सलीम साबरी,इमरान देशभक्त,जावेद साबरी अनेक संस्थाओं तथा पत्रकार संगठनों ने सज्जादा नशीं के निधन पर शोक व्यक्त किया है।