भारतीय गौ रक्षा वाहिनी उत्तराखंड उत्तर प्रदेश प्रभारी शादाब अली द्वारा मांगी गई आईटीआई तो देख ही महोदय का किस तरह का जवाब।
बांगरमऊ से लेकर विकासखंड फतेहपुर 84 में भी गौशालाओं में झोल ही झोल कागजों में काम बाकी सब गोलमाल उन्नाव जिले के अधिकारियों में सफाई तो इन के दाएं हाथ का खेल बन चुका है लेकिन धरातलीय पर देखा जाए तो हालात बद से बदतर ही नज़र आएंगे क्योंकि जब ऊपर से नीचे तक चलता है चढ़ावा तो कौन करे कार्रवाई देखिए आईटीआई में महोदय का कितना गोलमाल तरीके से दिया गया जवाब।
हे ईश्वर ! अगले जन्म मोहे बछड़ा/बछिया न कीजे
विकास खंड बांगरमऊ की ग्राम पंचायत नेवला पुर में बनी गौशाला में बन्द गोवंशों की दुर्दशा देखकर शायद ऐसा ही प्रतीत होता है कि यह बेजुबान/ निराश्रित पशु शायद ऊपर वाले से यही प्रार्थना करने पर मजबूर हैं कि हे ईश्वर! अगला जन्म मुझे बछड़ा या बछिया का न दें।
ज्ञात हो कि जहां एक ओर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गौशालाओं में जाकर गोवंशों को गुड़ ,चना व हरा चारा आदि खिलाकर जनता में लोगों के प्रति गोवंश की सेवा भाव व उनकी रक्षा का संदेश देते हैं तो वहीं दूसरी ओर विकासखंड बांगरमऊ की ग्राम पंचायत नेवला पुर में बनी गौशाला में गोवंशों की दुर्दशा अपनी चरम सीमा पर है। गोवंश को चारा पानी तो दूर ठहरने के लिए उचित स्थान भी नसीब नहीं हो सका। खंडहरों में बनी गौशाला सिर्फ निराश्रित पशुओं को (केयरटेकर की लापरवाही के चलते) दिन प्रतिदिन काल के गाल में समाने के लिए सहायक सिद्ध होती है। गौशाला में बीते करीब लगभग 1 सप्ताह से एक ही स्थान पर दलदल में फंसी गाय अपने जीवन के दिन खुले आसमान के नीचे बरसात और धूप में काटने को मजबूर है। खास बात तो यह है कि यह सब खंड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत ,ग्राम पंचायत अधिकारी सहित संबंधित ग्राम प्रधान के संरक्षण में हो रहा है। दलदल में फंसी गाय शायद ईश्वर से यही प्रार्थना कर रही है कि हे ईश्वर!अगले जन्म मोहे बछिया/बछड़ा न कीजे