रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
झबरेड़ा नूर बस्ती में कई वर्षों से शमशेर उर्फ लाली का उर्स बड़े हर्षोल्लास के साथ मानाया जाता है। उर्स में आसपास क्षेत्र के हजारों की संख्या में जिम्मेदार लोग पहुंचते हैं। और अपने उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उसमें अलग-अलग जगह से मशहूर कवि व शायर उर्स में चार चांद लगाने के लिए पहुंचते हैं। उर्स के माध्यम से पूरे विश्व में अमन शांति वह भाईचारे का पैगाम दिया जाता है। और मेले का भी आयोजन किया जाता है। कस्बा एवं ग्रामीण क्षेत्र से काफी बच्चे महिलाएं एवं पुरुष मेले का लुफ्त भी उठाते हैं। और खेल खिलौनों की खरीदारी करते हैं, झूला झूलते हैं। पुलिस प्रशासन की देखरेख में उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। उर्स के इस अवसर पर नसीम,रियासत,मुरसलीन, मियां साहब रफीक, आदिल ,समीर ,अरमान ,तसव्वर, शकील अहमद, शाहरुख मलिक, राशिद, तहसीन,अनीश बाबा, सब्बू, अली जान, मुन्ना, रिजवान, अकबर भगत,मुंतजीर,मुजम्मिल, मियां साहब शहजाद, डॉक्टर अनिल, नाजिम, प्रदीप सैनी, अमित यादव, इत्यादि मौजूद रहे।