रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष मुनीश सैनी जी ने अपने भाषण में कहा कि आज 2 अक्टूबर दो महान स्वतंत्रता सेनानी आदर्शवादी नेता मोहन दास करमचंद गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती है आज हम सभी के लिए एक अवसर है कि महान नेताओं को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी । बापू के नाम से लोकप्रिय गांधीजी के सिद्धांत अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित थे।अहिंसा ,सत्य शांति और उच्च नैतिक मानकों में उनके अटूट विश्वास ने उन्हें एक बहुत प्रभावी आंदोलन का नेता बना दिया। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता में उनके प्रमुख योगदान से लोगों ने उन्हें बापू राष्ट्रीयपिता और गांधीजी के रूप में संबोधित किया। लाल बहादुर शास्त्री जी के राजनीतिज्ञ तथा सादगी से दुनिया भी उनकी कायल थी। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ नकुल गुप्ता ने समस्त स्टाफ एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेता महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था तथा तथा तथा लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था। गांधी जी ने देश की स्वतंत्रता प्राप्त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई और हिंदू_मुस्लिम एकता और महिला सशक्तिकरण के लिए लड़ाई लड़ी। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड से उनकी निदेयता से हत्या कर दी।
गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बीएसएमएस के प्राचार्य डॉ.सुधीर लाड, डॉ.शैलेन्द्र, डॉ.नरेंद्र कौर, डॉ.अनीता,अंजलि रानी,कल्पना, बी के सिंह, स्वाति पाल, रमेश शर्मा, रणजीत यादव, आदि उपस्थित रहे।