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जादू,सर्कस,खेल एवं तमाशें भारत के लोग कलाओं की दिलाते हैं याद,कवि/शायर अफजल मंगलौरी

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रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की

रुड़की।उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति के सचिव व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने कहा है कि जादू,सर्कस,खेल व तमाशे भारत की लोक एवं ललित कलाओं में शुमार किये जाते हैं,इसलिए इनका संवर्धन और संरक्षण बहुत ज़रूरी है।सरकार को इनके उत्थान के लिए आर्थिक सहयोग करना चाहिए।मंगलौरी ने यहाँ एक मंडप में जादूगर सम्राट शिवम के विशेष शो का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज फिल्मों,इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओँ व खिलौनों के द्वारा नई पीढ़ी को जो मनोरंजन प्रदान किया जा रहा है,उससे नई पीढ़ी मानसिक रूप से कमज़ोर होती जा रही,जबकि प्राचीन खेलों,जादू कला,सर्कस,अन्य लोक कलाओं के द्वारा मनोरंजन से नई पीढ़ी का बौद्धिक विकास होता है।उन्होंने कहा कि 64 से अधिक लोक व ललित कलाएं हमारे देश से उत्पन्न हुई है,मगर उनको बचाने के लिए किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया जो विलुप्त होती जा रहीं हैं।मंगलौरी ने उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति की ओर से शाल व मोमेंटो देकर जादूगर शिवम को रूडकी वासियों की ओर से सम्मानित किया।इस अवसर पर सहकारी समिति के पूर्व चैयरमेन मुल्कीराज सैनी,राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार प्राप्त संजय वत्स, इमरान देशभक्त,उस्मान अली,रेहान अली आदि मौजूद रहे।

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