रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
नेशनल सर्विस स्कीम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की (एनएसएस आईआईटी रूड़की) ने आज सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन किया। जिसका विषय था ‘यर्निंग फॉर वायबिलिटी’। जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, उर्जा संकट और जल की कमी जैसे मुद्दों और इनके समाधानों पर चर्चा करना सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था। सम्मेलन के माध्यम से ऐसे प्रतिभाशाली दिग्गजों और अनुसंधानकर्ताओं को एक ही मंच पर लाने का प्रयास किया गया, जो इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता और दक्षता रखते हैं। सम्मेलन ने मानवमात्र के प्रति समाननता को बढ़ावा देकर सभी के लिए बेहतर एवं स्थायी भविष्य की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रयासों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। रूड़की के एमएलए श्री प्रदीप बत्रा भी इस अवसर पर माननीय अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
इसके अलावा स्वामी यतिन्द्रानंद गिरी, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और श्री यतीशवरानंद, पूर्व केबिनेट मंत्री, उत्ततराखण्ड सरकार भी मौजूद थे।
कॉन्क्लेव को सतत विकास के लिए सम्मेलनों में विभाजित किया गया था, जिसके बाद दीर्घकालिक स्थायित्व के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आधुनिक रणनीतियों पर चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न कार्यशालाओं, हैकाथॉन्स, आइडियाथॉन्स, केस स्डटी, पॉलिसी केस प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।
टीएम एसएसएस आईआईटी रूड़की ने सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव के लिए अथक प्रयास किए हैं। इसके लिए स्टुडेन्ट वेलफेयर आईआईटी रूड़की के डीन प्रोफेसर मुकेश कुमार बरूआ, एसोसिएटन डीन ऑफ स्टुडेन्ट वैलफेयर प्रोफेसर अनिल कुमार गौरीशेट्टी और उनके फैकल्टी अडवाइज़र प्रोफेसर प्रेमलता जेना का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कॉन्क्लेव का नेतृत्व महासचिव उज्जवल कुमार और उनकी टीम के द्वारा किया गया, टीम के कुछ सदस्यों में अनुराग सक्सेना, वेदांत मेशरम और रमन यादव शामिल थे। छात्रों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। रक्तदान अभियान के लिए वंश रूहेला और कृतिन अग्रवाल ने योगदान दिया और इसे सफल बनाया। साहिल, बलजीत और प्रतीक ने ‘रन फॉर सस्टेनेबिलिटी’ का नेतृत्व किया, इस कार्यक्रम के माध्यम से परिसर में स्थायित्व का संदेश दिया गया।
इसके अलावा स्थापना के 175वें वर्ष के उपलक्ष्य में संस्थान ने टेक सारथी का प्रदर्शन किया, आईआईटी रूड़की की यह पहल रूड़की में और आस-पास के क्षेत्रों में ओद्यौगिक युनिट्स को समर्थन देती है। टेक सारथी योजना का आधिकारिक लॉन्च उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया, यह पहल उद्योगों को आधुनिक तकनीकी समाधान अपनाने, उनके विकास तथा ‘लोकल टू ग्लोबल’ के लक्ष्यों को साकार करने में मददगार होगी।
इस पहल के तहत ओद्यौगिक युनिट्स की मौजूदा टेक्नोलॉजी के मूल्यांकन, समस्याओं के लिए व्यवहारिक समाधानों की प्रस्तावना पर विचार विमर्श किया जाएगा, इसके लिए विभिन्न सुझाव दिए जाएंगे। तदनुसार उद्योग आधुनिक तकनीकों या स्थायित्व को अपनाकर सुधार ला सकेंगे। आईआईटी रूड़की उद्योग जगत को आई-स्टैम पोर्टल के ज़रिए अपनी आर एण्ड डी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। लॉन्च के दौरान प्रोफेसर अक्ष्य द्विवेदी ने टेक सारथी पर एक प्रेज़ेन्टेशन दी, जिसमें हीरो मोटोकोर्प लिमिटेड, रॉकमैन इंडस्ट्रीज़, नैपिनो इंडस्ट्रीज़, एजीआई इंडस्ट्रीज़, रेप्रोग्राफिक्स इंडिया, ज़ेनिथ इंडस्ट्रीज़, ऑक्सो पॉलिमर्स, जयसंशुमेडीकेयर, सेनाटे लेबोरेटरीज़, पेसिफिक डायनामिक्स, फास्ट फार्मा प्रा. लिमिटेड, ईयाप्रो ग्लोबल लिमिटेड के प्रतिनिधि मौजूद थे।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा आईआईटी रूड़की एक महत्वपूर्ण संस्थान है। जिसने देश को अपार प्रतिभा दी है और आज जब मैं यहां खड़ा हूं, मुझे विश्वास है कि सस्टेनेबिलिटी पर आयोजित यह कॉन्क्लेव बहुत अच्छे परिणाम देगा। मैं यही कहना चाहूंगा कि तकनीकी या कोई भी अन्य विकास हो उसका स्थायी होना बहुत ज़रूरी है । तभी यह राष्ट्र निर्माण में कारगर हो सकता है। मैं आईआईटी रूड़की को धन्यवाद देना चाहता हूं ।जिसने स्थायी भविष्य के निर्माण की दिशा में अथक प्रयास किए हैं।
स्वामी यतिन्द्रनाथ गिरी महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा ने कहा आईआईटी संस्थान भारतीय तकनीक को प्रोत्साहित करने में अग्रणी रही हैं, आईआईटी रूड़की ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि हमारे यहां के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाशाली छात्र विदेशों का रुख कर रहे हैं। मैं आप सभी प्रतिभाशाली युवाओं से आग्रह करता हूं कि अपने कौशल का उपयोग कर भारत के विकास में योगदान दें। प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर आईआईटी रूड़की ने कहा हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री ने हमारी दो सबसे मुख्य पहलों का लॉन्च किया है। सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव हमारे छात्रों की उल्लेखनीय गतिविधि है, वहीं टेक सारथी एक ऐसी पहल है जो स्थानीय उद्योग को आईआईटी रूड़की से जोड़ती है। उम्मीद है कि टेक सारथी हमारे उद्योग को अपग्रेड करने में क्रान्तिकारी भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम का समापन आईआईटी रूड़की के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर एम. परीदा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।