रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
जबकि, अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक बच्चा जन्म से ही कमजोर था और उसकी मौत का कारण भी वही है। अस्पताल में हंगामें की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को बामुश्किल समझा बुझाकर शांत कराया। परिजनों का आरोप है कि उन्हें शिकायत करने से रोका गया।
बताया गया है कि कलियर निवासी इमरान की पत्नी ने रुड़की सिविल अस्पताल में बीती 31 अगस्त को दो बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें से पुत्र की तबियत ठीक नही थी जबकि पुत्री
तन्दरूस्त थी, दो दिन बाद नवजात पुत्र ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने डॉक्टर ताहिरा को बच्चे की हालत की बार बार जानकारी दी, लेकिन वह उन्हें बच्चा ठीक होने का झूठा आश्वासन देती रही। जिस लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गयी। आरोप यह भी है कि डॉक्टर ताहिरा को समय-समय पर बच्चे की हालत से अवगत कराया गया, लेकिन डॉक्टर ने कोई गौर नहीं किया। साथ ही यह भी बताया कि जन्म से लेकर रात तक बच्चे की हालत में कोई सुधार नही था, लेकिन डॉक्टर ने न तो उन्हें सही स्थिति बताई ओर न ही उन्हें रेफर किया। जिसके चलते उनके बच्चे की मौत हुई है। डॉक्टर की इस लापरवाही पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
वहीं अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस एके मिश्रा का कहना है कि बच्चा जन्म से ही कमजोर था और बच्चे का वजन भी काफी कम था। बच्चा माँ का दूध पी रहा था, शायद दूध पीने से कोई समस्या हुई हो और उसने दम तोड़ दिया हो। लेकिन परिजनों की लिखित शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ जाँच कर दोषी पाये जाने और कानूनी कार्यवाही की जाएगी। जबकि परिजन भी कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं।