(संवाददाता:-ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की) रुड़की। जिसमें अर्थशास्त्र विभाग बी.एस.एम (पी.जी) कॉलेज के डॉक्टर सुरेश महला ने अपने विचारों से छात्र-छात्राओं को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नशा किसी भी तरह का हमारे देश के युवा वर्ग के लिए कितना खतरनाक है तथा नशे की लत को देखते हुए मां-बाप कितने लाचार और चिंतित रहते हैं, नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है, एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है ।उन्होंने कहा नशा किसी भी प्रकार का हो, व्यक्तित्व के विनाश, निर्धनता की वृद्धि और मृत्यु के द्वार खोलता है। आज का युवा शराब और हीरोइन जैसे मादक पदार्थों का ही नहीं बल्कि कुछ दवाओ का भी इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है ।धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होती है और यह चेतावनी सभी तंबाकू उत्पादों पर अनिवार्य रूप से लिखी होती है ,लगभग सभी को यह पता भी है परंतु लोग फिर भी इसका सेवन बड़े ही चाव से करते हैं ।यह मनुष्य की दुर्बलता होती है कि वह उसके सेवन का आरंभ धीरे-धीरे करता है पर कुछ ही दिनों में इसका आदी हो जाता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रहकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए खेलों की ओर बढ़ना चाहिए। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर गौतम वीर जी ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नशा मुक्ति के लिए पहल करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति को अपनाकर हम स्वस्थ सशक्त और समृद्धि समाज का निर्माण कर सकते हैं इसलिए हमें नशा मुक्ति के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए और समुदाय को एक साथ मिलकर नशे से लड़ने के लिए उपाय ढूंढने में सहयोग करना चाहिए यदि हम सब मिलकर सामरिक भावना दिखाएंगे तो हम निश्चित रूप से एक नशा मुक्त समाज की ओरअग्रसर होंगे अतः नशा मुक्ति अभियान का महत्व समझाने के साथ-साथ सभी के सहयोग और संगठन से एक समर्पित प्रयास की आवश्यकता है हमें बचपन से ही अपने घरों में बच्चों को नशा के प्रति जागरूक करना चाहिए तथा उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत कराना चाहिए ताकि हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें। रुड़की।महाविद्यालय के निदेशक रजनीश शर्मा ने छात्र-छात्राओं को संदेश दिया कि ‘नशा मुक्त समाज’ की दिशा में पहला और महत्वपूर्ण कदम के रूप में घर पर एक स्वस्थ पारिवारिक वातावरण पर जोर देना है। उन्होंने कहा कि बच्चे की अच्छी परवरिश उसे कभी भी भटकने और बुरी आदतें अपनाने का मौका नहीं देगी ।हृदय की पवित्रता और विचारों की शुद्धता के लिए नशा मुक्त समाज का होना आवश्यक है ।रजनीश शर्मा ने कहा कि नशा नाश का जड़ है। भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए नशा मुक्त समाज बनाना आवश्यक है। नशा इंसान का सर्वनाश कर देता है ।अतः नशा गंदगी व कुरीति मिटा कर ही भारत को स्वच्छ, सुंदर, खुशहाल, शिक्षित और विकसित भारत बनाया जा सकता है। एंटी ड्रग सेल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अलका तोमर ने भी छात्र-छात्राओं को इस विषय पर प्रेरित किया और बताया कि हमारी युवा पीढ़ी हमारे देश का भविष्य है जिस तरह से हमारा देश विकास कर रहा है लोगों के रहन-सहन का तरीका भी बदल गया है ।अब लोगों के मन में यह धारणा हो गई है कि नशीले पदार्थ हाई सोसाइटी का फैशन है। व्यक्ति शुरू में तो इन नशीले पदार्थो के सेवन से आनंद महसूस करता है। लेकिन निरंतर उपयोग के चलते उस व्यक्ति को शारीरिक मानसिक बीमारियां झेलनी पड़ती हैं। और अगर यही लत विकराल रूप ले ले तो व्यक्ति का पारिवारिक और सामाजिक जीवन भी तहस नहस हो जाता है फिर चाह कर भी व्यक्ति इन लतों से छुटकारा नहीं पाता है।हमारे युवा पीढ़ी को नशा मुक्ति के प्रति सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। युवा पीढ़ी को अपने साथियों में नशा मुक्ति के लिए जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए जिससे एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज का निर्माण हो सके।नशा मुक्ति की राह में बहुत सी चुनौतियां हैं लेकिन समाज के सभी प्राणियों के संयुक्त प्रयास से यह संभव हो सकता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण डॉक्टर सीमा गुप्ता ,डॉक्टर संदीप पोसवाल, डॉक्टर सुरजीत सिंह ,डॉक्टर शिखा जैन , प्रोफेसर संजय धीमान,डॉक्टर अर्चना त्यागी, रिशु चौहान,डॉ दीपक डोभाल,डॉ सुष्मिता पन्त, डॉ सुनीता रानी, दीपिका ,अंजना, अभय कुमार,अमित शर्मा, रितु शर्मा आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में आदित्य ,प्रवीण, शादाब ,नेहा ,तनु, अंशु ,आकाश, अंकुश ,शीतल, दिशा, राही ,दीपक, गुलशन, इल्मा, रेशमा आदि छात्र छात्राओं का योगदान रहा।