रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
नगर निगम रुड़की द्वारा भी साफ सफाई की व्यवस्था नगर की जामा मस्जिद एवं मस्जिदों के आसपास बेहतर ढंग से की गई।जामा मस्जिद में जुमा की नमाज मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने अदा कराई तथा नमाज जुमा से पहले अपने खुतबे में मौलाना अजहर उल हक ने कहा कि रोजा इबादतों की रूह है और रोजे का सवाब अल्लाह ताला स्वयं देगा।उन्होंने बताया कि रमजान के तीस रोजों को तीन असरे में बांटा गया है,जिसमें इन तीन असरों की अहमियत बताते हुए कहा कि पहला असरा रहमतों,दूसरा असरा मगफिरत तथा तीसरा असरा जहन्नुम की आग से छुटकारा पाने का है।मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने बाद नमाज जुमे के सभी नमाजियों से कोविड-19 के चलते मास्क का प्रयोग करने,सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने तथा भीड़ से बचने एवं एहतियात बरतने की अपील की।उन्होंने इस महामारी से शीघ्र मुक्ति की विशेष दुआ की तथा देश व प्रदेश की खुशहाली और अमनों-अमान की भी दुआ की।मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिद में मौलाना नसीम अहमद कासमी ने जुमा की नमाज अदा कराई। नमाज से पहले खुतबे में उन्होंने रमजान तथा तरावीह की अहमियत पर प्रकाश और लोगों से कोरोना से बचने के लिए आवश्यक उपायों को अमल में लाने की अपील की।इस मौके पर मौलाना अरशद कासमी,विधायक हाजी फुरकान अहमद,डॉक्टर नैयर काजमी, अफजल मंगलौरी,हाजी नौशाद अहमद,जावेद अख्तर एडवोकेट,डॉ.मोहम्मद मतीन, कुंवर जावेद इकबाल,हाजी सलीम खान,हाजी लुकमान अहमद कुरैशी,हाजी महबूब कुरैशी,सलीम साबरी,इमरान देशभक्त,नफीस उल हसन आदि मौजूद रहे।