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उत्तराखण्ड चुनाव परिणाम आने के बाद हुयी संयुक्त मोर्चे की पहली वैबिनार बैठक, बैठक में तय हुई आगे की रणनीति

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रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की

देहरादून: पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर प्रदेशभर में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के द्वारा चलाए जा रहे आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियो की नजर नयी सरकार के गठन पर है।

गौरतलब है कि देश में केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था 1 जनवरी 2004 से और राज्य में राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था 1 अक्टूबर 2005 से समाप्त कर दी गई है, इसके स्थान पर नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई है जो पूरी तरह बाजार आधारित है और कर्मचारियों के आर्थिक व सामाजिक हितों पर तुषारापात है l लागू की गई नई पेंशन व्यवस्था में गुज़ारे लायक पेंशन न होने से कर्मचारी सड़को पर हैं।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लगातार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलनरत है। और उनके द्वारा लगातार पुरानी पेंशन बहाली पर आंदोलन किये जा रहे हैं। मोर्चे के पदाधिकारियो का कहना है कि सेवानिवृति के बाद कार्मिक सड़क पर आ जाय इससे अच्छा है कि आज सड़को पर आकर लड़ें।
इसी क्रम में आज एक वैबिनार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला की अध्यक्षता में‌ आयोजित की गयी । मीटिंग का संचालन प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल द्वारा किया गया। डॉ० पसबोला ने कहा कि इस मामले पर जितना लेट लतीफी सरकार ने दिखाई उससे कार्मिको का सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है, पुरानी पेंशन से आच्छादित माननीय सांसद व विधायकगण इस बात को नही समझ पा रहे कि उन्हें बार बार चुनाव जीतने पर हर बार पुरानी पेशन मिल जाती है, लेकिन सरकारी कर्मचारी अपने 25-30 वर्ष सरकार को देकर भी इसका अधिकारी नही है। प्रदेश में 5-6 लाख वोट बैंक मात्र कर्मचारियो और उनके परिजनों से मिलकर बनता है।

संयुक्त मोर्चे के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि क्या सरकार को नज़र नही आ रहा कि कार्मिक अपने भविष्य के लिए सड़कों पर है। क्या किसी के भविष्य के सवाल पर आंखे मूंद लेना ठीक है। यदि ऐसा ही रवैया पुरानी पेंशन बहाली पर रहा तो कार्मिक भी जवाब दे सकता है। इसलिए सरकार से निवेदन है कि इस बाबत शीघ्र निर्णय हो और कार्मिकों को उनके बुढापे का सहारा लौटा दिया जाए। इसके अलावा नयी सरकार बनने के बाद नये मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों और विधायकों से शिष्टाचार भेंट कर पुरानी पेंशन बहाली का ज्ञापन देकर पुरानी पेंशन बहाली पर सार्थक वार्ता करने पर विचार किया गया। सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में अपने-2 सुझाव दिए गए। साथ ही ब्लाक स्तर से प्रदेश स्तर तक संगठन की मजबूती पर जोर दिया गया। बैठक में उपस्थित प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला, प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रांतीय संयोजक मिलिंद बिष्ट, प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ कमलेश कुमार मिश्र, प्रांतीय महिला उपाध्यक्ष योगिता पंत , प्रांतीय आईटी प्रभारी अवधेश सेमवाल, , प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट, मंडल अध्यक्ष गढ़वाल जयदीप सिंह रावत, मंडलीय मंत्री नरेश कुमार भट्ट, मंडलीय संरक्षक जसपाल सिंह रावत, रश्मि गौड़, रजनी रावत, शंकर भट्ट, मुरली मनोहर भट्ट, राजीव उनियाल, माखन लाल, खुशाल रावत, महेंद्र राबरी, राजेंद्र देव आदि इत्यादि ने अपने-2 विचार रखे l

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