रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
रुड़की।नगर निगम रुड़की के सोलह भाजपाई पार्षदों द्वारा सामूहिक रूप से दिए गए इस्तीफे की गूंज राजधानी देहरादून तक पहुंच गई है।उक्त् मामले का समाधान के लिए हरिद्वार के क्षेत्रीय सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा तथा उन्होंने सभी त्यागपत्र देने वाले भाजपा पार्षदों एवं मेयर को वार्ता के लिए देहरादून स्थित अपने आवास पर बुलाकर उनकी बात को सुना।देर रात कई घंटों तक चली वार्ता के बीच डॉ.निशंक ने रुड़की निगम के घटनाक्रम पर हरिद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.जयपाल सिंह चौहान,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,शहरी विकास सचिव एवं शहरी विकास मंत्री तथा भाजपा कई प्रांतीय नेताओं से वार्ता की।उनके द्वारा समस्या के हल को लेकर किए गए प्रयास से सभी नाराज पार्षद संतुष्ट दिखाई दिए तथा उन्होंने भाजपा के साथ जुड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।डॉ.निशंक ने कहा कि जनप्रतिनिधि का सम्मान करना लोकतंत्र में आवश्यक है,यदि कोई अधिकारी किसी भी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनता तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि की जवाबदेही जनता के लिए होती है,क्योंकि जनता द्वारा उसे अपनी समस्याओं के समाधान तथा क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजा जाता है और यदि आपसी तालमेल और समन्वय,ईमानदारी एवं पारदर्शिता से कार्य नहीं होंगे तो विकास के कार्य बाधित होगें।डॉ. निशंक द्वारा किए गए प्रयास के पश्चात सभी नाराज पार्षदों ने अपने-अपने इस्तीफे वापस लेने के साथ ही पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करने की बात कही।