(संवाददाता :-ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की) रुड़की । कार्यक्रम का शुभारंभ गन्ना विकास परिषद लिब्बरहेडी के सी.डी.आई. बी.के .चौधरी द्वारा किया गया। उनके द्वारा बताया कि किसानों को जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती करने की जरूरत है , जैविक खेती समय की जरूरत है। जैविक खेती के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। विभाग द्वारा बसंत कालीन गन्ना की बुवाई की तैयारियां की जा रही है। इस वर्ष परिक्षेत्र मे गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम के अंतर्गत बड़े पैमाने पर नई प्रजातियों की बुवाई करायी जायेगी। नवीन प्रजातियों में 15023, 0118 , 13235, 14201 , का क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके उपरांत बीके चौधरी ने किसानों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पुरुषोत्तम सिंह द्वारा गन्ने में लगने वाले रोगों की रोकथाम एवं कीट प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । उनके द्वारा पेडी प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गौतम नेगी विभागीय योजनाओं की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा यन्त्र वितरण का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चीनी मिल के प्रतिनिधि सतेन्द्र सहरावत, लोकेन्द्र सिंह, इफको के प्रतिनिधि डॉ प्रवेंद्र चौधरी, डॉ जय गोपाल, शिवराम,जय प्रकाश, मामराज,दिनेश सकलानी, यशमोद, आशू कुमार, सतेन्द्र, देवेंद्र रामकुमार , राकेश , प्रकाश, सोहन, निर्देश, संजय, ललित सोनी, दीपक, मनोज, सुखपाल आदि उपस्थित रहे।