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इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार मैं सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक कुमार पांडे, निबंधक ,सहकारी समितियां, उत्तराखंड, देहरादून थे । कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉक्टर राम भजन सिंह, मुख्य क्षेत्र प्रबंधक , इफको हरिद्वार ने सभी अधिकारियों एवं प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत किया । कार्यक्रम मैं डॉ विनोद कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, धनौरी ने धान की उन्नत खेती एवं संतुलित उर्वरक प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में विजय देवराड़ी, मुख्य कृषि अधिकारी जनपद हरिद्वार ने फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की इस समय बरसात के मौसम में उर्वरकों को गोदाम में लकड़ी की कैरेट तथा पॉलिथीन या तीरपाल बिछाकर भंडारण करें जिससे उर्वरकों की गुणवत्ता खराब ना होने पाए। इफको- एमसी रुड़की प्रतिनिधि श्री अंकुश चौधरी ने गन्ना एवं धान की फसल में लगने वाले कीट एवं बीमारियों की जानकारी के साथ-साथ उनकी रोकथाम के उपाय के बारे में विस्तार से बताया। राजेश चौहान, जिला सहायक निबंधक, सहकारी समितियां जनपद हरिद्वार ने समितियों की ऋण वसूली एवं उर्वरकों की मांग की समीक्षा की। सी0 के0 कमल, महाप्रबंधक ,जिला सहकारी बैंक लिमिटेड रुड़की ने बैंक द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी l श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव , राज्य विपणन प्रबंधक, इफको, देहरादून ने नैनो यूरिया तरल, सागरिका एवं जल विलेय उर्वरकों के प्रयोग एवं उनसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया की दानेदार यूरिया केवल 30% फसलों के काम आता है शेष यूरिया , तेज धूप में उड़ जाता है जो वायुमंडल को प्रदूषित करता है तथा कुछ यूरिया पानी में घुलकर नीचे जमीन में चला जाता है जो भूमि और भूमिगत जल को खराब करता है नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पत्तियों पर स्प्रे करने से स्टोमेटा के द्वारा 80 से 90 % तक पौधों को नाइट्रोजन मिलती है जो 15 से 20 दिन तक काम करती है और नैना यूरिया के प्रयोग से न तो पर्यावरण दूषित होता है और ना ही भूमि व जल प्रदूषित होता है अतः किसान भाई फसल की बुवाई के पश्चात पत्तियां आने तक पहले व दूसरे पानी पर दानेदार यूरिया का प्रयोग करें। और उसके बाद नैनो यूरिया के सागरिका तरल के साथ मिलाकर दो-तीन स्प्रे करें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक कुमार पांडे, निबंधक, सहकारी समितियां, उत्तराखंड, देहरादून ने भूमि खराब होने से बचाने के लिए कम से कम रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग की सलाह दी उन्होंने कहा पारंपरिक दानेदार यूरिया की मात्रा 50% कर देनी चाहिए और खड़ी फसल में पत्तियों पर नैनो यूरिया तरल की 4ml प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 2- 3 स्प्रे करने चाहिए । उन्होंने सहकारी समितियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने हेतु कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। कार्यक्रम मैं जनपद की समस्त सहकारी समितियों के सचिव प्रबंध निदेशक ,सहायक कृषि अधिकारी ,सहकारिता, अपर जिला सहकारी अधिकारी, सुपरवाइजर, अमीन, जिला प्रबंधक यूसी एफ वीर सिंह ओमवीर सैनी सहित लगभग 75 सहकारी बंधुओं ने भाग लिया कार्यक्रम के अंत में डॉ राम भजन सिंह, मुख्य क्षेत्र प्रबंधक, इफको हरिद्वार ने सभी अधिकारियों एवं प्रशिक्षणार्थियों को धन्यवाद दिया l

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