रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
रूड़की के केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 में अनुपयोगी प्लास्टिक कचरे से खिलौने,सजावटी तथा उपयोगी सामान का निर्माण प्रतियोगिता तथा उसकी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के तकरीबन 600 बच्चों ने भाग लिया और बच्चे खासे उत्साहित नजर आए।
आपको बता दें कि हमारे देश में 1 जुलाई 2022 से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले साल एक गजट अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध की घोषणा की थी और अब यह पूर्णतः लागू कर दिया गया है। हम सबके दैनिक जीवन में उपयोग होनेवाली बहुत सारी सामग्री प्लास्टिक,गत्ते तथा अन्य चीजों की बनी होती है जो एक बार उपयोग में आने के बाद अनुपयोगी हो जाती है और वो एक कचरे के रूप में परिवर्तित हो जाती है और इस कचरे का निस्तारण आज पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़े खतरे के रूप में सामने है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय विद्यालय नंबर -1 रूडकी में अनुपयोगी एकल उपयोग वाले प्लास्टिक इत्यादि वस्तुओं का उपयोग कर उससे खिलौने बनाने तथा एक नये रूप में परिवर्तित करने की गतिविधि की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता तथा आयोजित प्रदर्शनी के बारे में बताते हुए विद्यालय के प्राचार्य विपिन कुमार त्यागी ने कहा कि अनुपयोगी वस्तुओं जैसे डिस्पोजल की वस्तुयें,प्लास्टिक की वस्तुयें इन सभी को उपयोग में ला कर इन्हें नया रूप देना ही इसका मकसद है। इससे वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि विद्यार्थियों ने अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग कर अनुपयोगी प्लास्टिक तथा अन्य चीजों से उपयोगी खिलौने बनाये। साथ ही वे इससे होनेवाली प्रदूषण की समस्या के बारे में जागरूक हुए है ताकि इसको कम कर इससे निजात पाया जा सके। विद्यालय की उपप्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि अगर हम थोड़ी सी कोशिश करें तो बेकार चीजों का बेहतर तरीके से उपयोग कर खूबसूरत खिलौने और अन्य चीजें बना सकते हैं तथा पर्यावरण-संरक्षण में अहम योगदान दे सकते हैं। वहीं प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और सुन्दर सुन्दर उपयोगी चीजें और कलाकृतियाँ बनाई।