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आईआईटी रूड़की में हुआ 62वें सालाना लेबर इकोनोमिक कॉन्फ्रैन्स का आयोजन

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रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुडकी

रूड़की इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स द्वारा 11 अप्रैल को 2022 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी रूड़की (आईआईटी रूड़की) में इंडियन सोसाइट ऑफ लेबर इकोनोमिक्स का आयोजन किया गया। पूर्व आईएलओ अधिकारी, अन्तराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात प्रोफेसर कृष्णामूर्ति ने भातरीय श्रम अध्ययनां के बारे में चर्चा की जो श्रम एवं रोज़गार संबंधी मुद्दों में सक्रिय रहे हैं और उनमें योगदान देते रहें हैं। देष औरदुनिया भर से तकरीबन 500 प्रतिनिधत सम्मेलन में भौतिक रूप से हिस्सा ले रहे हैं, इनमें जाने-माने स्कॉलर्स, नीति निर्माता, व्यापार संघों के प्रतिनिधि और अन्य पेशेवर शामिल हैं तीन दिनों के दौरान 37 तकनीकी सत्रों में सम्मेलन के 3 विषयों पर लगभग 250 पेपर प्रेजे़न्टेशन दिए जाएंगे, 8 पैनल चर्चाओं में लेबर इकोनोमिक्स के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ये पैनल चर्चाएं क्षेत्र में सरकारों के द्वारा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होंगी।
सम्मेलन के दौरान प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी, रूड़की, उत्तराखण्ड; दीपक नायर, प्रेज़ीडेन्ट, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स एवं पूर्व वाईस-चांसलर, दिल्ली युनिवर्सिटी, अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई कॉन्फ्रैन्स एडीटर, इंडियन जर्नल ऑफ लेबर इकोनोमिक्स, प्रोफेसर एवं डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्युमन डेवलपमेन्ट; जे.कृष्णामूर्ति, पूर्व प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एवं पूर्व वरिष्ठ अर्थशास्त्री, आईएलओ; एस.पी. सिंह और फाल्गुनी पटनायक, प्रोफेसर, ह्यमेनिटीज़ एवं सोशल साइन्स विभाग आईआईटी रूड़की, उत्तराखण्ड और आयोजक सचिव और एसोसिएट ओर्गेनाइज़िंग सचिव, 62वां आईएसएलई सम्मेलन; अमित बसोले, हैड, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमन्ट, अज़ीम प्रेमजी युनिवर्सिटी, बैंगलोर; दिलिप रथ, हैड केएनओएमएडी और लीड इकोनोमिस्ट, माइग्रेशन एण्ड रेमिटेन्सेज़ सोशल प्रोटेक्शन एण्ड जॉब्स ग्लोबल प्रेक्टिस, विश्व बैंक, शहारा रज़वी, डायरेक्टर, सामाजिक सुरक्षा विभाग, इंटरनेशनल लेबर ओर्गेनाइज़ेशन, जेनेवा; मेहेह पुदुमजी, चेयरपर्सन, थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे; अभिजीत सेन, पूर्व सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार; कमला संकरन, प्रोफेसर, लॉ फैकल्टी, दिल्ली युनिवर्सिटी; इंडिया हरवे, डायरेक्टर और प्रोफेसर ऑफ इकोनोमिक्स सेंटर फॉर डेवलमेन्ट ऑल्टरनेटिव्स, अहमदाबाद, के.पी. कन्नन, फैलो एवं पूर्व निदेशक, सेंटर फॉर डेवपलमेन्ट स्टडीज़, त्रिवेन्द्रम; मरीको आउची, सीनियर टेकनिकल स्पेशलिस्ट ऑन सोशल प्रोटेक्शन डीसेंट वर्क टेकनिकल टीम, आईएलओ, साउथ एशिया; जीमोल उन्नी, प्रोफेसर, अहमदाबाद युनविर्सिटी, अहमदाबाद; टी सुंदररमन, एडजंक्ट प्रोफेसर, जेआईपीएमईआर, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पॉन्डिचैरी; दीपक कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के इन्चार्ज, बिहार सरकार; संतोष मेहरोत्रा, विज़िटिंग प्रोफेसर, सेंटर फॉर डेवलपमेन्ट, बाथ युनिवर्सिटी, यूके और डगमर वॉल्टर, डायरेक्टर, आईएलओ, डीसेन्ट वर्क टेकनिकल टीम सपोर्ट टीम, साउथ एशिया और कंट्री ऑफिस, भारत ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की को सालाना लेबर इकोनोमिक्स सम्मेलन का आयोजन करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। सम्मेलन के दौरान महामारी के बाद के दौरान श्रमिकों के रोज़गार, माइग्रेशन, विकास और उनके हितों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। प्रोफेसर अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई सम्मेलन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘युवाओं के बेरोज़गारी की समस्या भारत में बड़ी चुनौती है, खासतौर पर अगर पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी न मिले। समय के साथ यह समस्या लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह आंकड़ा 25 फीसदी है। अगर भारत को 2030 तक सभी को रोज़गार देने के एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करना है तो आने वाले सालों में इस मुद्दे को हल करना बहुत ज़रूरी है। सोसाइटी के प्रेज़ीडेन्ट प्रोफेसर दीपक नायर ने कहा, ‘‘इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबल इकोनोमिक्स, श्रम, रोज़गार एवं विकास के क्षेत्र में सक्रिय अकादमिकज्ञों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों का पेशेवर संगठन है। सोसाइटी की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने तथा श्रम बाज़ार रोज़गार संबंधी विषयों पर जानकारी के प्रसार के लिए की गई।’

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