रिपोर्ट ब्रह्मानन्द चौधरी रूड़की
रुड़की । रुड़की क्षेत्र में युवाओं के बड़े वर्ग को हिंसक और पागल बनाने वाली नशीली दवाइयों पर सरकार सख्ती से बैन के दावे करती हो, लेकिन रुड़की क्षेत्र में नशे के कारोबारियों के नेटवर्क की पहुंच शहरों से गांवों की गलियों तक है। ये दवाइयां प्रतिबंधित हैं, डाॅक्टर के (पर्ची) के बिना नहीं बेची जा सकतीं। लेकिन दिलचस्प बात ये है। कि नशेड़ियों को ये दवाइयां क्षेत्र के कई मैडीकल की दुकानों में आसानी से मिल रही है।
रुड़की क्षेत्र के कलियर, मंगलौर, लंढौरा में कुछ मेडिकल स्टोर नशे का कारोबार कर रहे हैं। दोगुनी-तिगुनी कमाई के चक्कर में दवा दुकान वाले ऐसी दवाएं बेच रहे हैं, जिनका उपयोग करते ही नशा छा जाता है। ये दवाएं जीवन रक्षक तो हैं, लेकिन नशीली होने के कारण डाॅक्टर की पर्ची के बिना बेचना बैन है। पर बाजार मेंे दवाएं धड़ल्ले से मिल रही हैं। सैकड़ों युवा इन दवाओं की गिरफ्त में फंसकर पागलपन की दहलीज तक पहुंच चुके हैं। पर ड्रग विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है। अगर समय रहते ऐसे मैडीकलो पर कड़ी कानूनी कार्यवाही नही की गई तो आनेवाली युवा पिढि नष्ट हो जायगी।