रिपोर्ट ब्रह्मानंद चौधरी रुड़की
रुड़की मिलापनगर क्षेत्र में सालों से गंदे पानी से भरे तालाब की समस्या से हजारों लोग जूझ रहे थे। इस गंदे तालाब की वजह से स्थानीय लोगों को साँस की बीमारी, गुर्दे खराब की बीमारी, डेंगू जैसी क़ई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं तालाब में डूबने से कई बच्चों की मौत भी चुकी है। स्थानीय विधायक से लेकर क़ई जनप्रतिनिधियों से स्थानीय जनता गुहार लगा चुकी थी, लेकिन आज तक इस समस्या का कोई भी समाधान नही निकाल आया था। ऐसे में पत्रकार व समाजसेवी उमेश कुमार आगे आये औऱ निजी खर्चे से इसका ट्रीटमेंट शुरू करवाया।
ज्ञात रहे कि इस तालाब के गंदे पानी की निकासी के लिए जहां इंजीनियरो ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, वहीं उमेश कुमार ने पहले इसका हवाई सर्वेक्षण किया औऱ खुद इसकी निकासी के लिए डिजाइन तैयार किया। लाखो रुपये की लागत से यहाँ खुद ही डिजाइन तैयार करके उमेश कुमार ने गंदे तालाब में रुके हुए पानी पर ही बीस हजार लीटर क्षमता का चैम्बर बनवाकर दिखाया। वहीं 3 किलोमीटर पाइप लाइन बिछवाकर पानी की निकासी कराई। यही नही रात- दिन मेहनत का नतीजा ये निकला कि एक हफ्ते में ही चैम्बर बनकर तैयार हो गया औऱ पानी की निकासी शुरू हो गई।
गंदे तालाब का बदला स्वरूप, वृक्षारोपण से बढ़ गई सुंदरता
कुछ ही दिनों पहले जब कोई तालाब के किनारे से गुजरता था तो मुँह फेर लेता था लेकिन आज वृक्षारोपण से इसकी सुंदरता बढ़ गई है। आने वाले समय में इसको औऱ भी सुंदर बनाने की दिशा में कार्य करने की बात उमेश कुमार कह चुके हैं। वहीं उमेश कुमार ने बताया कि जल्द यहाँ बच्चों के लिए एक पार्क का मॉडल तैयार किया जाएगा।